Saturday, January 8, 2011

लोसा का रोमांस

खूब ठण्ड थी फिर भी मुदित मन कोलेज के लिए निकल पड़ी । मन प्रसन्न था क्योंकि सत्य ने सदैव की तरह खुशी खुशी विदा किया। रास्ते में भयंकर सर्दी और सड़क की गर्द के कारण आँख से पानी बह रहा था फिर भी मन प्रसन्न था क्योंकि लोसा की आंट जूलिया और मारोतो हाथ में हाथ डाले मेरे संग चल रहे थे। अरे नहीं, वे पैदल चल रहे थे और मैं अपने सदाबहार स्कूटर पर सवार थी। पर थे हम संग संग।
शनिवार था सो बस एक क्लास थी खूब रस लेकर पढ़ाया, एक पोस्टर प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका निभाई और घर आ गयी।
लोसा का हाथ पकड़ नीग्रो का हश्र भी जानना है क्या जासूसी उपन्यास जैसा रोमांच चल रहा है , मजेदार रोमांस तो है ही . मामी की बहन से चौदह साल छोटा लड़का रोमांस लड़ा रहा है । क्या सिचुएशन है भीरू! अट्ठारह साल का लड़का और बत्तीस साल की तलाकशुदा आंटी । वैसे लोसा की जीवनी मालूम है मगर रचाव का जब का आनद है। सोचा साझा किया जाए.