Tuesday, February 18, 2020

जन्मदिन की शुभकामनाएँ

जन्मदिन की शुभकामनाएँ पिताजी ! 14 Feb 2020 2003 के नोबेल पुरस्कार विजेता जॉन मैक्सवेल कट्जी अपने नोबेल प्रीतिभोज के अवसर पर बताते हैं कि पुरस्कार मिलने पर एक दिन उनकी संगिनी डोरोथी ने अचानक कहा, यदि उनकी माँ जीवित होती तो उनको कितना गर्व होता! अफ़सोस वे यह देखने को जीवित नहीं हैं! और तुम्हारे पिता! उन्हें तुम पर कितना गर्व होता! कितना ठीक कह रही थीं उनकी संगिनी। आगे वे कहते हैं कि यदि हम अपनी माँ के लिए नहीं तो आखीर किसके लिए ऐसे काम करते हैं? वे उदाहरण देते हुए कहते हैं जब हम बचपन में कोई पुरस्कार जीतते हैं तो दौड़ कर अपनी माँ को दिखाते हैं, ‘देखो मैंने यह जीता है।’ हम अपने भीतर की प्रत्येक गहन संवेदना अपनों से साझा करना चाहते हैं। चाहे वह पुलक हो अथवा भय। मिट्टी खाता बालक अपनी माँ को भी उस अनोखे स्वाद से परिचित कराना चाहता है (सुभद्रा कुमारी चौहान की एक कविता) रोमांच से भरा बालक वीरबहूटी ला कर माँ को दिखाता है। दर्द तब तक कम नहीं होता है जब तक माँ चोट को फ़ूँक से उड़ा नहीं देती है। बड़े होने पर यह बालक हमारे अंदर कहीं दुबक जाता है लेकिन आह्लाद के समय, प्रसन्नता के समय यह उछल कर बाहर आ जाता है। हम अपनों के पास दौड़ कर पहुँच जाना चाहते हैं। यह सच है, हम बचपन से अपनी विजय के उल्लास में सबसे पहले अपने माता-पिता को शामिल करना चाहते हैं। पता नहीं क्यों मैं बचपन से अपनी सारी खुशिया माताजी से नहीं अपने पिताजी से बाँटना चाहती थी जबकि यह होता नहीं था। कई बार जब आप अपनी प्रसन्नता लिए जैसे किसी विषय में कक्षा में सर्वाधिक अंक पा कर आप उन्हें दिखाते हैं और वो कह दें किसी को इस विषय (उनके प्रिय विषय) में भी तो सर्वाधिक अंक मिले होंगे। और आपके सारे उत्साह पर पानी फ़िर जाए। और जब आप साहित्य पढ़ना चाहें तो वे आपको इंजीनियर बनाने पर तुले हों और घर में कई दिन तक अबोला रहे! ऐसे माता-पिता भी एक दिन आपकी सफ़लता पर गर्व करते हैं। आपके सामने भले न कहें मगर बाकी सबको आपके प्रकाशित लेख को दिखा कर बताते हों, देखिए यह मेरी बेटी का लिखा है। सबको शान से बताते हों कि उनकी बेटी कॉलेज में पढ़ाती है। आज वे कितने प्रसन्न होते जब उन्हें पता चलता कि उनकी बेटी की 19वीं पुस्तक प्रकाशित होने वाली है। भले ही मेरे सामने न कहते या शायद अब तक सामने भी कहने लगते। आज वे नहीं हैं, मगर मैं इस अवसर पर उन्हें स्मरण कर रही हूँ। आज उनका जन्मदिन है। जन्मदिन की शुभकामनाएँ पिताजी ! 000